Diet & Nutrition 1 MIN READ 14594 VIEWS June 29, 2023

बबूल की फली के नुकसान क्या हैं?

Written By HealthKart
Medically Reviewed By Dr. Aarti Nehra

बबूल की फली के नुकसान

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगो के बीच बबूल की फली तेजी से लोकप्रिय हो रही है। बबूल के पेड़ से निकलने वाली ये फली आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर होती हैं। ये फली आवश्यक फैटी एसिड और अमीनो एसिड से भी भरी होती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता हैं। और इसका खाने में स्वाद भी अच्छा होता  है जो लोगों को स्वादिष्ट लगता है। इसके अलावा, बबूल की फली में औषधीय गुण होते हैं जो कई प्रकार की चिकित्सा स्थितियों का इलाज करने में मदद करते हैं। पर क्या बबूल की फली के नुकसान भी हैं? इसे जानने से पहले आइये इसके फायदों पर गौर से नज़र डालें |

बबूल की फली के फायदे

बबूल की फली, बबूल के पेड़ से प्राप्त होती है। यह फली आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग होती है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। 

बबूल की फली के फायदे निम्नलिखित है :

  • मुंह के रोगों का उपचार: बबूल की फली मुंह के रोगों जैसे मुंह के छाले, मुंह के अलसर जिन्जीवाइटिस का उपचार करने में मददगार होती है। इसके लिए बबूल की फलियों को पीसकर इन्हें पानी के साथ घोल बनाएं और इस घोल से मुंह को धोएं।
  • सूजन कम करना: बबूल की फली में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसे पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाएं सुजन से राहत मिलेगी ।
  • जोड़ो और नसों की कमजोरी का उपचार: यह फली जोड़ो और नसों की कमजोरी को दूर करने में मदद करती है। इसे सरसों के तेल में भूनकर उस तेल को ठंडा करें और इसे जोड़ो पर लगाएं।
  • खांसी और सर्दी का उपचार: बबूल की फली खांसी और सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। इसके लिए इसे पीसकर शहद के साथ मिलाएं और दिन में कई बार इस मिश्रण को सेवन करें।
  • स्किन केयर: इसका इस्तेमाल त्वचा की देखभाल में भी किया जाता है। इसे पीसकर त्वचा पर लगाएं और रात भर छोड़ दें। इससे त्वचा में नमी आती है और यह मुलायम और चमकदार बनती है।

बबूल की फली के नुकसान

बबूल की फली, जिसे वनस्पति विज्ञान में “एकेशिया निलोतिका” के नाम से जाना जाता है, एक प्राकृतिक उपचार औषधि है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। इसके फलों और फलियों का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। 

बबूल की फली के नुकसान निम्नलिखित है :

  • त्वचा पर खुजली: अगर किसी को बबूल की फली के सेवन से त्वचा पर खुजली की समस्या होती है, तो उन्हें इसका सेवन कम करना चाहिए। यह एक त्वचा में होने वाली  प्रतिक्रिया हो सकती है और यह व्यक्ति की त्वचा के प्रति संवेदनशीलता पर निर्भर करता  है।
  • एल्लर्जिक प्रतिक्रिया: कुछ लोगों को बबूल की फली के साथ एल्लर्जी हो सकती है। इससे उन्हें त्वचा में खुजली या एक्जिमा की समस्या हो सकती है। ऐसे मामलों में, इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ज्वर: कुछ लोगों को बबूल की फली के सेवन से तापमान में वृद्धि हो सकती है, जिससे उन्हें ज्वर हो सकता है। इसलिए, ज्वर की समस्या वाले लोगों को इसका सेवन कम करना चाहिए।
  • विटामिन सी की अधिकता: बबूल की फली में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। यदि किसी व्यक्ति का विटामिन सी के प्रति संवेदनशीलता अधिक हो या वह इसे अधिक मात्रा में सेवन करता है, तो यह पेट में अस्वस्थता, अतिसार या आंतों की समस्याएं पैदा करता है।

बबूल की फली के फायदे जोड़ों के दर्द में

बबूल की फली जोड़ों के दर्द में भी लाभदायक होती है। इसके फायदे निम्नलिखित होते हैं:

  • एंटी इंफ्लेमेटरी गुण : बबूल की फली में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसका मतलब यह है कि यह सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे उन्हें गठिया और जोड़ों के दर्द जैसी स्थितियों के इलाज में उपयोगी माना  जाता है।
  • जोड़ों की फलैक्सिबीलिटी बढ़ाना: बबूल की फली में विशेष तत्व होते हैं जो जोड़ों की फलैक्सिबीलिटी को बढ़ाते हैं। इसके लिए, बबूल की फलियों को गर्म तेल में भूनकर इसे ठंडा करें और फिर इस तेल को जोड़ों पर लगाए। यह मांसपेशियों को आराम पहुचाता है और दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • सूजन कम करना: यह फली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होती है जो जोड़ों की सूजन को कम कर सकती हैं। इसे बाहरी रूप से प्रयोग करने के लिए, बबूल की फलियों को पीसकर उन्हें पानी में घोल बनाएं और इसे सूजन वाली जगहों पर लगाएं।

बबूल की फली और मिश्री के फायदे

बबूल की फली और उससे  बनी मिश्री के काफी फायदे होते  हैं। मिश्री में न केवल एक अनोखा, मीठा स्वाद होता है, बल्कि इसमें मौजूद फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन इसे सेहतमंद बनाता है।इसके संभावित पोषण लाभों के अलावा, बबूल की फली से बनी मिश्री के कई औषधीय उपयोग भी हैं। बबूल की फली से बनी मिश्री सूजन को कम करने में मदद करती है। यह पाचन स्वास्थ्य में सुधार, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढाती है यहां तक ​​कि सूखापन और झुर्रियों जैसी त्वचा की बीमारियों में भी मददगार साबित होती है।

बबूल की फली और स्तंभन

बबूल की फली में अल्कलॉइड योहिम्बाइन और एफेड्रिन की प्रभावशाली सांद्रता होती है, जो स्तंभन दोष (इरेकटाइल डीस्फनक्शन) से पीड़ित पुरुषों के लिए फायदेमंद हो सकता है। योहिंबाइन रक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए काम करता है, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या अन्य स्थितियों के साथ उन लोगों में सुधार करने में मदद करता है । बबूल की फली में पाए जाने वाले अल्कलॉइड सामान्य यौन क्रिया में भी सुधार करते हैं। बेहतर कामेच्छा, शुक्राणु एकाग्रता और निषेचन दर को बढ़ाते  है। इसलिए बबूल की फली का उपयोग उन पुरुषों की मदद के लिए किया जा सकता है जो चिंता या अवसाद के कारण कम कामेच्छा से पीड़ित हैं, साथ ही साथ हार्मोनल असंतुलन या एर्रेक्ट्यिल  के लक्षण भी हैं।

बबूल की फली के चूर्ण के फायदे

बबूल फली पाउडर एक प्राकृतिक उत्पाद है जो बबूल पेड़ से प्राप्त किया जाता  है। यह उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है और विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग होता है।

बबूल की फली के चूर्ण के फायदे निम्नलिखित हैं:

  • प्राकृतिक पोषण: बबूल फली पाउडर में विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सिडेंट्स, और शक्तिशाली प्राकृतिक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। यह आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करके स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • श्वासनली को स्वस्थ रखें: बाबूल की फली का पाउडर श्वासनली के रोगों के इलाज में उपयोगी होता है। सेन्टोनिन, ब्रोमेलिन और अन्य प्राकृतिक तत्वों की मौजूदगी से यह श्वसन विषाणुओं को सुरक्षा प्रदान करता है और श्वासनली की स्वस्थता को बढ़ावा देता है।
  • गठिया के इलाज में मदद: बबूल की फली का पाउडर अर्थराइटिस के इलाज में उपयोगी साबित होता है। इसमें मौजूद विषाणुशोथक गुणों के कारण यह जोड़ों के दर्द को कम करने और संश्लेषित कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है।

बबूल की फली का सेवन कैसे करें

बबूल की फली को सेवन करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:

  • उबाल कर डालें: बबूल की फली का सेवन करने का सबसे लोकप्रिय तरीका उन्हें उबाल कर सूप या स्टू के रूप में डालना है। खाना पकाने की प्रक्रिया फली की बनावट को नरम करती है जिससे फली मुलायम हो जाती है। इसे अतिरिक्त स्वादिष्ट बनाने के लिए, जीरा या अजवायन जैसे मसाले मिला सकते हैं।
  • चबाकर सेवन करें: बबूल की फली को चबाकर सेवन करना भी एक विकल्प है। इसे धीरे-धीरे चबाकर गायब होने तक खाएं। यह सेवन जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है।
  • औषधीय उपयोग: आप बबूल की फली का औषधीय उपयोग भी कर सकते हैं। इसे पीसकर गर्म पानी के साथ मिलाकर पी सकते हैं। इसे दवा के रूप में लेने से पहले वैद्य से परामर्श करें।

बबूल की फली की तासीर

बबूल की फली की तासीर ठंडी होती है। यह तासीर वात और पित्त दोष को शांत करने में मददगार होती है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करती है और उष्णता को न्यूनतम करती है। इसलिए, जब आप गर्मी के मौसम में बबूल की फली सेवन करते हैं, तो यह शरीर को ताजगी प्रदान करती है और ठंडक महसूस कराती है।

कन्क्लूज़न

बबूल की फली न केवल एंटीऑक्सिडेंट, खनिज और विटामिन का एक समृद्ध स्रोत हैं, बल्कि इसे  एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और उपचार क्षमता के कारण काफी उपयोगी माना जाता है। बबूल की फली का उपयोग समग्र स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती में सुधार के लिए विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। उपरोक्त लेख में हमने आपको बबूल की फली की विस्तृत जानकारी दी है जो आपको सेहतमंद जीवन जीने में मदद करेगी ।

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