Hindi 1 MIN READ 183 VIEWS October 2, 2024

बिलीरुबिन (Bilirubin)का स्तर लिवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है?

Written By HealthKart
Medically Reviewed By Dr. Aarti Nehra

लिवर आपके शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होने के साथ बहुत से शारीरिक कार्य करने में भी आवश्यक है। आपका लिवर पाचन क्रिया, रक्त साफ़ करने, और शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में बहुत सहायक होता है। इस कारण लिवर का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। लिवर की अनुचित कार्यप्रणाली के चलते आपको अनेक समस्याएं भी हो सकती हैं जिसमें बिलीरुबिन के स्तर का बढ़ना, अपच, भूख कम लगना, आदि शामिल हैं। बिलीरुबिन (Bilirubin) एक पीला रंगद्रव्य होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के दौरान उत्पन्न होता है। लिवर इसका प्रसंस्करण करके इसे शरीर से बाहर निकालता है। इस लेख के ज़रिये हम आपको बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है, इसके संकेत जो लिवर को नुकसान पंहुचा सकते हैं, और संतुलन बनाने के टिप्स बताएंगे।  

बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है? Why Does Bilirubin Increase?

बिलीरुबिन का असंतुलित स्तर अनेक बिमारियों का स्वागत कर सकता है। इसके स्तर के बढ़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं: 

हेपेटाइटिस:

इस स्थिति में किसी वायरल संक्रमण (viral infection) की वजह से आपके लिवर में सूजन आती है। हेपेटाइटिस A, B, और C सबसे आम प्रकार हैं। परिणामस्वरूप, आपका लिवर बिलीरुबिन को ठीक से प्रोसेस करने में असमर्थ होजाता है और इसका स्तर बढ़ जाता है। 

सिरोसिस:

यह एक स्थिति है जिसमें लिवर में लंबे समय तक नुकसान के कारण उसके ऊतक कठोर हो जाते हैं, जिससे उसका सामान्य कार्य प्रभावित होता है। सिरोसिस (cirrhosis) अक्सर अत्यधिक शराब पीने या हेपेटाइटिस (hepatitis) से होती है। अंततः, बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है।

लिवर में रुकावट:

पित्ताशय या पित्त नली में रुकावट होने पर बिलीरुबिन शरीर से बाहर नहीं निकल पाता। इस वजह से इसका स्तर खून में बढ़ जाता है। यह रुकावट गॉल्स्टोन (gallstone), ट्यूमर (tumour), या अन्य कारणों से हो सकती है।

बिलीरुबिन स्तर बढ़ने के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of Increased Bilirubin Levels

जैसा कि आप अब बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है इससे अवगत हैं, अब इसके लक्षण जानना अति आवश्यक है जो यहाँ सूचित हैं:

पीलिया

यह एक बहुत ही आम समस्या है जिसे जॉन्डिस (jaundice) भी कहते हैं। इसके साक्षात लक्षण हैं – त्वचा और आँखों के सफेद हिस्से का पीला होना।  

पेट दर्द

जब आपके रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ता है तब पित्त की नली या लिवर में समस्या होती है। इसके पश्चात आपके पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होने की समभावना होती है। 

कमज़ोरी

यदि आपके शरीर में विषाक्त पदार्थ बहुत लम्बे समय तक एकत्रित हो जाते हैं तो बिलीरुबिन के बढ़ने का संकेत हो सकता हिअ जिससे आपको कमज़ोरी महसूस हो सकती है।  

मल-मूत्र के रंग में बदलाव

अगर आपके मूत्र का रंग गहरा पीला या भूरा हो जाए तो मल का रंग हल्का हो जाए तो आप समझ जाएं कि बिलीरुबिन का स्तर बढ़ा हुआ है। 

भूख कम लगना

बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने पर आपके लिवर की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है जिससे आपकी भूख काम हो सकती है।  

बिलीरुबिन टेस्ट करना क्यों ज़रूरी है? | Why is the Bilirubin Test Important?

जब भी आपके शरीर में पीलिया या कोई भी लिवर सम्बंधित समस्या दिखती है तो डॉक्टर अक्सर बिलीरुबिन टेस्ट (bilirubin test) की सलाह देते हैं। इसमें खून की साधारण तरीके से जांच की जाती है। बिलिरुबिन टेस्ट से पता चलता है कि बिलीरुबिन का स्तर सामान्य है या नहीं।

कभी-कभी डॉक्टर आपके मूत्र की भी जांच कर सकते हैं, और समान्यतः बिलिरुबिन आपके मूत्र में नहीं होना चाहिए। अगर यह उसमें पाया जाता है तो यह कोई शारीरिक समस्या का संकेत हो सकता है।  

बिलिरुबिन का स्तर लिवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है? | How can Increased Bilirubin Levels Impact Your Liver Health?

बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है यह तो आप जान हो गए हैं लेकिन इसका बढ़ा हुआ स्तर आपके लिवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है यह जानना भी ज़रूरी है। जब बिलिरुबिन का संचय शुरू होता है तो लिवर में सूजन और स्थायी क्षति हो सकती है। इसकी वजह से लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस, या लिवर विफलता जैसी समस्याएं होती हैं। अगर इसका समय से उपचार नहीं हुआ तो कई और घातक बीमारियां हो सकती हैं।  

लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय | Tips to Keep Your Liver Healthy

आपके लिवर की कार्य प्रणाली स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी है इसलिए यहाँ बिलिरुबिन स्तर को संतुलित रखने के कुछ उपाए दिए गए हैं: 

स्वस्थ आहार –

अपने रोज़ के आहार सुधारने से आप बहुत सी बीमारियां दूर रख सकते हैं। डाइट में अनाज, ताज़े फल और सब्ज़ियां शामिल करने से आप बिलिरुबिन के स्तर को भी संतुलित कर सकते हैं। 

पर्याप्त पानी पिएं –

रोज़ाना अपने शरीर की आवश्यकतानुसार पानी पिएं। यह आदत आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करेगी और बिलिरुबिन भी नहीं बढ़ेगा। 

रोज़ाना व्यायाम करें –

नियमित रूप से व्यायाम करने से आपके शरीर के कई रोग दूर हो जाते हैं। व्यायाम करने से आपके शरीर में वसा की मात्रा कम हो जाती है जो बिलिरुबिन स्तर और लिवर को संतुलित रखता है।  

बिलीरुबिन का स्तर कितना होना चाहिए? | What Should be the Level of Bilirubin?

जब आप बिलीरूबिन टेस्ट करवाते हैं तो उसमें आपका टोटल बिलिरुबिन जांचा जाता है जिसमें दो तरह के स्तर बताता है। इसमें डायरेक्ट और इन्डरेक्ट बिलीरूबिन होता है। इसका टोटल स्तर 1.2 mg/dL होना चाहिए। इस प्रश्न बिलीरुबिन डायरेक्ट कितना होना चाहिए यह है कि 0.3 mg/dL इसका सामन्य स्तर होता है। बिलीरुबिन का कम स्तर चिंता की बात नहीं है लेकिन इसके बढ़ने पर अवश्य जांच करवाएं।  

निष्कर्ष

लिवर आपके शरीर बहुत से कार्य करने में समर्थ होता है जिससे आपका स्वास्थ्य सही रहता है। यदि आपका बिलीरुबिन स्तर बढ़ता है तो यह एक संकेत है कि आपके लिवर को सहायता की आवश्यकता है। इसके कारण कई हो सकते हैं, लेकिन यदि समय पर इसका निदान और उपचार किया जाए, तो लिवर को नुकसान से बचाया जा सकता है। बिलीरुबिन टेस्ट समय पर करवाना और बिलीरुबिन डायरेक्ट का स्तर सामान्य रखना लिवर की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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