

हमारे शरीर में रक्त बनाने और रक्त प्रवाहित (blood circulation) करने के लिए प्लेटलेट्स महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन कई लोगों में कम प्लेटलेट्स की संख्या (platelet count) होती है जिसे “लो प्लेटलेट्स” के रूप में जाना जाता है। इस लेख में हम लो प्लेटलेट्स के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जिनमें इसके लक्षण, कारण और इलाज शामिल होंगे।
आइये, हम आपको बताते हैं कि प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण है, प्लेटलेट्स की कमी से होने वाले रोग, और प्लेटलेट नार्मल रेंज।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण | Symptoms of Platelets Deficiency
यदि आप जानना चाहते हैं कि प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण है तो निम्नलिखित लक्षणों पर नज़र डालें:
- अत्यधिक थकान और कमजोरी
- अधिक खून के बहने से नाक, मसूड़ों या गिरते दांतों से खून के छिद्र
- त्वचा पर छोटे दाने, चकत्ते या पुरपुरी रंग के दाग
- पेट में आंतों और मूत्रमार्ग में खून के छिद्र
- अचानक और अनियमित मासिक धर्म
- श्वेत पेशाब या ब्लडी स्टूल
- अधिक मात्रा में रक्तस्राव या गंभीर नस्लीय खूनाबंदी के कारण लाल चकत्ते के निकलना।
प्लेटलेट्स की कमी के कारण | Causes of Platelets Deficiency
प्लेटलेट कम होने के लक्षण के कई कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
ऑटोइम्यून रोग: ऑटोइम्यून रोगों (autoimmune diseases) में शरीर की खुदरा प्रणाली प्लेटलेट्स के खिलाफ हमला कर सकती है। इसमें लुपस ईरिथेमाटोसस, रेयनॉड्स रोग और आइडीओपैथिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक शामिल हैं।
खून संबंधित रोग: खून संबंधित रोगों जैसे कि लुकेमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, एलोफिब्रोसिस, माइलोफिब्रोसिस, आदि में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
इन्फेक्शन: कुछ इन्फेक्शन विषाणु या बैक्टीरियल इन्फेक्शन (bacterial infection) प्लेटलेट्स की उत्पत्ति या जीवनकाल को प्रभावित कर सकते हैं जो कि प्लेटलेट कम होने के लक्षण हो सकते हैं।
दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं का उपयोग प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है, जैसे कि एंटीकांगुलेंट और केमोथेरेपी के कुछ उपयोगी दवाएं।
जीवाणुजन्य संक्रमण: जीवाणुजन्य संक्रमण, जैसे कि डेंगू (dengue), मलेरिया (malaria), हाइवर, साइटोमेगलोवाइरस, हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी (HIV), आदि प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकते हैं।
प्लेटलेट्स की कमी का इलाज
प्लेटलेट्स की कमी का इलाज का मुख्य उद्देश्य प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाना होता है। यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं जो प्लेटलेट्स की संख्या में सुधार कर सकते हैं:
- दवाओं का उपयोग: डॉक्टर आपको अनुकूलित दवाओं की परामर्श करेंगे, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
- तत्काल उपचार: यदि प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम है तो यह लाइफ थ्रेटेनिंग हो सकती है, ऐसे में अस्पताल में तत्काल उपचार किया जाना चाहिए , जैसे कि प्लेटलेट्स के स्थानिक इंजेक्शन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, आदि।
- अनुशासनपूर्वक आहार: डॉक्टर आपको प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए उचित आहार बता सकते हैं, जैसे कि फल, सब्जियां, प्रोटीन युक्त आहार (protein-rich food), औषधीय जड़ी-बूटियाँ, आदि।
प्लेटलेट नार्मल रेंज 150,000 and 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होता है। यदि कोई परेशानी हो तो डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
सावधानियाँ और संकेत
- यदि आपकी प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम है और आप गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, तो इसे विशेषज्ञ के परामर्श बिना न करें।
- किसी भी नई उपाय की शुरुआत से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें और उनकी सलाह का पालन करें।
निष्कर्ष
इस लेख में प्लेटलेट्स की कमी के लक्षणों के बारे में बताया गया है जिसमें थकान, श्वसन में तकलीफ, नाक या मसूढ़ों से खून निकलना, त्वचा में लाल दाने आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्लेटलेट्स की कमी के कारणों और इलाज के बारे में भी बताया गया है। यदि किसी को जानना है प्लेटलेट्स कम होने के क्या लक्षण है और उससे उनके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा तो उन्हें तुरंत एक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चिकित्सा देखभाल भी महत्वपूर्ण हैं।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न1: प्लेटलेट की कमी से कौन सा रोग होता है?
प्लेटलेट्स की कमी से रक्तस्राव संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे हेमोरेज, रक्तचिंतन, चिकित्साजनित इलाज या अनुचित दवाओं के कारण। प्लेटलेट्स की कमी से प्रकट होने वाले रोगों में विशेष रूप से ईच्छाशूल, चक्कर आना, रक्तस्राव, त्वचा में छाले, नील की गाँठें, नवजात शिशुओं में असामान्य रक्तस्राव, इत्यादि शामिल हैं।
प्रश्न2: प्लेटलेट्स घटने के कारण क्या है?
प्लेटलेट्स की कमी के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- खून की बीमारियाँ
- अनुवंशिक रूप से होने वाली रक्त संक्रमण
- लाइफस्टाइल के कारण होने वाली पूरी तरह से आहार की कमी
- लंबे समय तक दवाओं का सेवन
- एल्कोहल और धूम्रपान की आदत
- चिकित्सा या रेडियेशन थेरेपी के साथ-साथ अन्य मेडिकल कारण
प्रश्न3: तुरंत प्लेटलेट काउंट कैसे बढ़ाएं?
प्लेटलेट काउंट को तुरंत बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
- पपीता, आंवला, अनार जैसे फलों का सेवन करें।
- अदरक, नींबू, तुलसी का रस पीएं।
- खाजू, बादाम, मेवे जैसे ड्राई फलों को रोजाना खाएं।
- अदरक, हल्दी, काली मिर्च, सोंठ का उपयोग करें।
- पालक, मेथी, बाथुआ जैसी हरी सब्जियां खाएं।
- प्रतिदिन प्राय: बारह गिलास पानी पीएं।
प्रश्न4: क्या कीवी प्लेटलेट बढ़ा सकता है?
हां, कीवी प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ा सकता है। कीवी में विटामिन सी, विटामिन के और फोलिक एसिड मौजूद होते हैं, जो प्लेटलेट्स के उत्पादन को प्रोत्साहित कर सकते हैं। इसलिए, यदि किसी को प्लेटलेट्स की कमी है, तो वे कीवी को आहार में शामिल करके अपनी प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ा सकते हैं।
प्रश्न5: प्लेटलेट कम होने से क्या परेशानी होती है?
प्लेटलेट कम होने से शरीर में बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं। इससे रक्तस्राव बंद हो सकता है, जिससे अंतर्नल संक्रमण हो सकता है या अधिक खून बह सकता है। प्लेटलेट की कमी के लक्षणों में थकान, सांस लेने में कठिनाई, बुखार और बहुत सारा खून बहने से संबंधित शिरोरोग शामिल होते हैं। समय पर उचित इलाज से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है और गंभीरता से बचा जा सकता है।
प्रश्न6: मैं घर पर अपने प्लेटलेट्स कैसे चेक कर सकता हूं?
अपने प्लेटलेट्स की जांच के लिए आप लैबोरेटरी में जा सकते हैं और रक्त जांच करा सकते हैं। घर पर अपने प्लेटलेट्स की संख्या निर्धारित करने के लिए आपको चिकित्सा उपद्रवों के लिए उपयुक्त परीक्षण किट खरीदनी पड़ेगी। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उनके दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में आप घर पर अपने प्लेटलेट्स की संख्या का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
प्रश्न7: प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कौन सा जूस पीना चाहिए?
प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए तरबूज, आंवला और नींबू का जूस अच्छा माना जाता है। ये जूस विटामिन सी (Vitamin C) और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं जो प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करते हैं। ये जूस नियमित रूप से सेवन करें और डॉक्टर की सलाह भी लें।