अनिद्रा कई प्रमुख समस्याओं में से एक है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसी समस्या से पीड़ित व्यक्ति को सोने में कठिनाई (यानि अच्छे से सोते रहना संभव नहीं होता है) हो सकती है या उसके लिए नींद आना कठिन हो सकता है। व्यक्ति आधी रात में कई बार जाग भी सकता है। पर क्या है नींद नहीं आने का कारण?
नींद नही आना अन्य बीमारी से जुड़ा हो सकता है। पुरानी अनिद्रा के लिए जीवन की घटनाओं, तनाव या नींद की खराब आदतें जिम्मेदार हो सकती हैं। इसे नशीली दवाओं के दुरुपयोग या ओवरडोज से भी जोड़ा जा सकता है। किसी भी बीमारी का इलाज नींद में सुधार करने में मदद कर सकता है। लेकिन, चिकित्सा बीमारी के उन्मूलन के बाद भी अनिद्रा बनी रह सकती है।
रात में बेचैनी होना और नींद नहीं आने का कारण क्या हो सकता है?
रात को नींद नहीं आने की वजह से बेचैनी हो सकती है। नींद नहीं आने के कारण कई हो सकते हैं। जिनमे शामिल हैं:
- तनाव: अधिक तनाव और चिंताओं से पूर्ण जीवनसूची नींद न आने का मुख्य कारण होता है।
- असंतुलित भोजन: अधिक मसालेदार खाने,अधिक मात्रा में कैफीन या अन्य उत्तेजक पदार्थों का सेवन, और शुगर समेत अन्य तत्वों का सेवन भी नींद न आने का कारण बनता है।
- जीवनशैली: अधिक बैठे रहने, नियमित व्यायाम नहीं करना, असंतुलित दिनचर्या और अधिक उत्साहपूर्ण गतिविधियों कि वजह से, रात में देर तक जागना आदि से भी नींद न आने की समस्या होती है।
- वातावरण: अधिक शोर, तापमान, प्रकाश या अन्य वातावरणीय तत्वों की वजह से भी नींद न आने की समस्या हो सकती है।
- रोग या दवाएं: कुछ बीमारियों और दवाओं का इस्तेमाल भी नींद न आने के कारण बन सकता है। इनमे कुछ बीमारियां जैसे अस्थमा, जोड़ों का दर्द, साइनस या अन्य बीमारियां नींद को रोक सकती हैं।
व्यक्ति को यदि नियमित रूप से सोने की आदत नहीं होती है तो भी नींद नहीं आती है। दवाओं का सेवन, नशीली दवाओं का सेवन भी नींद को प्रभावित कर सकता है। विभिन्न बीमारियां भी नींद को प्रभावित करती हैं, जैसे कि अपने आप में एक नींद की बीमारी होना, डायबिटीज, थायरॉयड, या सांस लेने में परेशानी होना।
इन नींद नहीं आने के कारण के परिणामस्वरूप आपको परेशानी का सामना करना पद सकता है। इसलिए अगर रात में नींद नहीं आती है तो बहुत से सरल उपाय हैं, जैसे कि नियमित व्यायाम, अस्वस्थ खान-पान से बचना, रात में मोबाइल या कंप्यूटर इस्तेमाल न करें और सोने से पहले आरामदायक गतिविधियों को शुरू करें।
किस विटामिन की कमी से नींद नहीं आती है
विटामिन डी की कमी नींद नहीं आने का कारण हो सकती है। विटामिन डी शरीर के सामान्य विकास और स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सीधे सूरज की किरणों से भी प्राप्त किया जा सकता है लेकिन कुछ लोग विटामिन डी की कमी से पीड़ित होते हैं। विटामिन डी की कमी के कुछ अन्य लक्षणों में थकान, मुँह सूखना, सिरदर्द और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द शामिल हो सकते हैं।
अधिकतम विटामिन डी के लिए सूरज की किरणों से सीधे संचय करें। आप अन्य खाद्य पदार्थ जैसे खसखस, बादाम, मखाने और दूध आदि भी खा सकते हैं, जो विटामिन डी की एक अच्छी स्रोत हैं। यदि आपको विटामिन डी की कमी है तो डॉक्टर की सलाह पर आप विटामिन डी की दवाओं या पूरकों का उपयोग भी कर सकते हैं।
नींद ना आने की समस्या का उपाय
इस समस्या को दूर करने के लिए, निम्नलिखित उपायों को अपनाएं:
- समय पर खाने-पीने की आदत बनाएँ और सुबह उठने और रात को सोने के लिए नियमित वक्त निर्धारित करें।
- रात को खाना खाने से कुछ घंटे पहले रात का खाना हल्का होना चाहिए।
- समय पर व्यायाम करें, लेकिन रात में ज्यादा व्यायाम न करें।
- सुबह और दोपहर को धूप में थोड़ा समय बिताएं।
- रात में सोने से पहले रिलैक्स करने के लिए ध्यान और अध्ययन जैसी गतिविधियों करें।
- अधिक तनाव या चिंता कम करने के लिए ध्यान, योग या मेडिटेशन जैसी तकनीकों का उपयोग करें।
- सोने से पहले गर्म शावर लें या गर्म दूध पिएं।
निष्कर्ष
नींद नहीं आना एक बहुत ही आम समस्या है, जो किसी को भी हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे जीवनशैली, स्वास्थ्य स्थिति, मानसिक तनाव, और उपयोग में ली जाने वाली दवाओं की संख्या। जीवनशैली में बदलाव करके आप नींद की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम करना, सही खानपान का अनुसरण करना, शाम को चाय और कॉफी से बचना आदि आपकी नींद की समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
स्वास्थ्य स्थिति भी नींद पर प्रभाव डाल सकती है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, स्लीप एपनिया और उल्टी आदि आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इन समस्याओं के साथ आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।