

क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद विश्व की सदियों पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद हमेशा से किसी भी बीमारी के इलाज में जड़ी बूटियों का ही इस्तेमाल करता आया है। हमारे आसपास ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जो तमाम तरह के रोगों के इलाज में फायदा करती हैं। उन्हीं में से एक जड़ी बूटी है चिरायता। चिरायता भी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो मुख्य रूप से भारत से हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है। ये अपने विशिष्ट कड़वे स्वाद के लिए जाना जाता है। इसमें बैंगनी रंग के हरे-पीले फूल होते हैं। ये बुखार में बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा ये सूजन को भी कम करता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीफंगल, हाइपोग्लाइकेमिक, डाइजेस्टिव और चोलेरेटिक गुण पाए जाते हैं। यही कारण है कि ये कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है। चिरायता इम्युनिटी को बढ़ाता है और इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। यह आपकी याददाश्त और मस्तिष्क में भी सुधार करता है। किसी के भी स्वास्थ्य के लिए चिरायता के फायदे बहुत होते हैं।
चिरायता के फायदे
चलिए चिरायता के बारे में कुछ और जानने की कोशिश करते हैं।
1. पेट के कीड़ों के लिए प्रभावी
शरीर से पिनवॉर्म, राउंडवॉर्म और टैपवार्म जैसे पारासाइट्स को बाहर निकालने में चिरायता बेहद उपयोगी है। ये पारासाइट्स आंतों में पाए जाते हैं और पाचन स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। असल में चिरायता में एंथेल्मिंटिक प्रभाव होता है। इसमें एंटीपैरासिटिक गुण पाया जाता है और इसी वजह से पेट और आंतों में होने वाले कीड़ों को नष्ट करने में मदद मिलती है। पेट के कीड़ों को मारने के लिए चिरायता जड़ी-बूटी बहुत उपयोगी होती है।
2. त्वचा के स्वास्थ्य में सहायक
चिरायता के फायदे काफी होते हैं। इसका इस्तेमाल स्किन हेल्थ को ठीक रखने के लिए भी होता है। चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह धूप से होने वाली एजिंग को कम कर सकते हैं और त्वचा को निखारने में भी सहायक होते हैं।
3. गठिया के इलाज में फायदेमंद
चिरायता के पौधे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। ये गुण गठिया के इलाज में बेहद फायदेमंद हो सकता है। चिरायता का सेवन घुटनों की सूजन को कम करता है और गठिया से होने वाले दर्द से राहत दिलाता है। इस पौधे के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में भी मदद करते हैं।
4. बुखार और खांसी-जुकाम में फायदेमंद
चिरायता बहुत से घरेलू इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है। अगर किसी को खांसी-ज़ुकाम या बुखार हो तो चिरायता पीने के फायदे बहुत होते हैं। चिरायता में एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं जो बुखार और खांसी-ज़ुकाम में फायदा करते हैं।
5. ब्लड शुगर करे कंट्रोल
चिरायता ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी सक्षम हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार चिरायता में अमारोगेंटिन बायोएक्टिव कंपाउंड पाया जाता है। इस कंपाउंड में एंटी-डायबिटिक असर मौजूद होता है। अपने इसी गुण के कारण चिरायता ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है।
6. एनीमिया के मरीज़ों के लिए उपयोगी
चिरायता एक जड़ी बूटी है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई मर्ज़ में किया जाता है। चिरायता शरीर में खून की कमी को भी पूरा कर सकता है। चिरायता पत्तियों में विटामिन और खनिज हेमाटिनिक पाए जाते हैं। यही मिनरल्स और विटामिन शरीर में खून को बनाने में मदद करते हैं। इसलिए आप चिरायता का इस्तेमाल घरेलू नुस्खे के तौर पर एनीमिया के इलाज में कर सकते हैं।
7. डाइजेशन में सहायक
चिरायता के फायदे में गैस, सूजन, इनडाइजेशन यानी अपच, पेट दर्द, कब्ज और दस्त जैसी समस्याओं में सुधार करने के लिए जाना जाता है। ये जड़ी-बूटी बहुत कड़वी होती है लेकिन इसकी यही कड़वाहट पेट के लिए फायदा बन जाती है। चिरायता पौधे में मौजूद कंपाउंड्स पाचन संबंधी डिसऑर्डर्स के लक्षणों को दूर करने और आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसलिए चिरायता बहुत फायदेमंद जड़ी बूटी है।
8. खून साफ करता है
चिरायता के गुणों में एक खास गुण ये भी है कि ये ब्लड पियोरिफाइर भी है। इसका उपयोग ब्लड प्यूरीफाई करने वाली आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में भी किया जाता है। आप अगर चिरायता का सेवन करते हैं तो इससे आपका खून भी साफ हो सकता है।
9. लीवर के लिए उपयोगी
चिरायता लिवर को डिटॉक्स करता है। चिरायता का पौधा लीवर के डिसऑर्डर को दूर कर सकता है। एक रिसर्च के अनुसार चिरायता में स्वेरचिरिन कंपाउंड पाया जाता है जिसमें हेपटोप्रोटेक्टिव प्रभाव भी पाया जाता है। यही लिवर को किसी भी नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है। इसी की वजह से लीवर से सम्बंधित बहुत सी बीमारियां जैसे, हेपेटाइटिस, हेपेटाइटिस-बी और सी से आप किसी हद तक बच सकते हैं।
10. चिरायता भूख बढ़ाता है
भूख बढ़ाने में भी चिरायता बहुत सहायक होता है। चिरायता बाइल के निस्सारण को बढ़ाता है। इसी बाइल के स्राव से भूख बढ़ सकती है। शायद यही वजह है कि भूख को बढ़ाने के लिए सालों से चिरायता का सेवन किया जाता रहा है।
11. आंखों के लिए फायदेमंद
चिरायता के पौधे में विटामिन सी पाया जाता है। ये विटामिन आँखों के लिए बहुत फायदे का होता है। यही कारण है कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए चिरायता का इस्तेमाल बहुत अच्छा माना जाता है। असल में आंखों की रोशनी बेहतर बनाये रखने और उम्र के साथ साथ कमज़ोर होने वाली नज़र के लिए चिरायता बहुत फायदा पहुंचा सकता है। इसीलिए चिरायता आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
12. बुखार में फायदेमंद
दरअसल चिरायता का प्रयोग मलेरिया के बुखार को ठीक करने के लिए भी किया जाता रहा है। चिरायता में स्वेरचिरिन नामक तत्व होता है जो बिलकुल एंटी-मलेरिया की तरह काम करता है। इसी स्वेरचिरिन नामक तत्व की वजह से ही मलेरिया के लक्षणों या मियादी बुखार से राहत मिल सकती है। अगर आप मलेरिया या मियादी बुखार में फायदा चाह रहे हैं तो आपके लिए चिरायते का काढ़ा बना कर उसका उपयोग करना बहुत फायदे का हो सकता है।
चिरायता के साइड-इफेक्ट्स
ये तो अब आप जान ही गए हैं कि चिरायता का सेवन सदियों से आयुर्वेदिक औषधि के रूप में होता आया है। वैसे चिरायता का अधिक सेवन करना आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। हालाँकि चिरायता के फायदे बहुत हैं लेकिन अगर आपको लो ब्लड प्रेशर है और आप ब्लड प्रेशर की मेडिसिन ले रहे हैं तो आपको चिरायता का सेवन नहीं करना चाहिए। चिरायता ब्लड शुगर के लेवल को और भी कम कर सकता है। इसके अलावा अगर आप गैस्ट्रिक और आंत के अल्सर की समस्या से जूझ रहे हैं तो भी आपको चिरायता का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाएं और फीड कराने वाली लेडीज को बिना डॉक्टर की सलाह लिए चिरायता के सेवन से बचना चाहिए।
कन्क्लूज़न
चिरायता के बहुत से फायदे हमने आपको बता दिए हैं। चिरायता में नीम और कालमेघ दोनों के गुण पाए जाते हैं। चिरायता के इस्तेमाल से आप ओबेसिटी और डाइबिटीज़ से छुटकारा पा सकते हैं। चिरायता इम्युनिटी बूस्टर भी है और ये सर्दी-खांसी में बहुत फायदा करता है। चिरायता में एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, हेप्टोप्रोटेक्टिव, लैक्सेटिव, हाइपोग्लाइसेमिक, डाइजेस्टिव गुण पाए जाते हैं। ये सभी गुण आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक हैं। अगर आप चिरायता का सेवन करते हैं तो इससे आपका लिवर, गठिया, स्किन, डाइजेशन, मेटाबॉलिज्म और वज़न कम करने में आपको बहुत फायदा हो सकता है। आप अपना और अपने परिवार का ध्यान रखियेगा।
चिरायता के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q2. क्या चिरायता का सेवन रोज़ कर सकते हैं?
मर्ज़ ठीक होने तक आप इसका सेवन रोज़ाना कर सकते हैं। आप गुनगुने पानी में मिलाकर इसको पी सकते हैं।
Q3. क्या अल्सर में भी चिरयाता फायदा करता है?
चिरयाता गैस्ट्रिक अल्सर को और खराब भी कर सकता है। इसलिए अगर आप गैस्ट्रिक अल्सर से पीड़ित हैं तो चियाराता का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर करिये।
Q4. किडनी के मरीज़ क्या चिरयाता ले सकते हैं?
जी हाँ, बिलकुल ले सकते हैं। चिरयाता किडनी में भी फायदा कर सकता है।