

भारत में काफी तरह की जड़ीबूटियां अथवा पौधे पाए जाते है, इन पौधों का औषधिक महत्व बहुत होता है। इन ही पौधों में से एक है गिलोय। गिलोय एक औषधिक पौधा है। आयुर्वेद में गिलोय को बहुत ही लाभदायक माना गया है क्यूंकि यह आपके स्वास्थय के लिए बहुत अच्छा रहता है। गिलोय को कई आयुर्वेदिक ग्रंथों और किताबों में एक महत्वकांशी औषधि माना जाता है। गिलोय के फायदे आयुर्वेदिक वैद्य में भी जाने जाते हैं।
गिलोय कभी नहीं सूखता जिस वजह से इसे अमृत के नाम से भी सम्भोदित किया जाता है। गिलोय की तना रस्सी जैसा होता है जिससे शाखाएं निकलती हैं। यह तना बहुत ही कोमल होती हैं जिस वजह से यह आसानी से टूट जाती हैं। गिलोय के पौधे पर पीले रंग के फूल और मटर के दाने जैसे फल लगते है।
गिलोय की बेल किसी भी वृक्ष पर लग जाती है , किन्तु यह माना जाता है की गिलोय की बेल यदि नीम के वृक्ष पर लगी हो तो उसे इस्तेमाल करना काफी लाभदायक है।
गिलोय के फायदे
गिलोय बहुत ही लाभदायक पौधा है। गिलोय को पेट के कीड़े मारने के लिए अथवा काफी अन्य रोगों से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय जूस के फायदे बहुत अधिक हैं।
यदि गिलोय को सही मात्रा में लिया जाये तो वह अनेक बिमारियों से लड़ने में सहयता करता है। गिलोय से जुड़े फायदों के बारे में जानते है –
1. गिलोय आँखों के रोग को ठीक करने में बहुत लाभदायक साबित होता है। १ ग्राम शहद और १ ग्राम सेंधा नमक को गिलोय के जूस में मिलाये और फिर इसे आँखों पर लगाए। गिलोय के जूस से मोतियाबिंद, आँखों में चुभन और आँखों के आगे अँधेरा छाना ठीक हो जाता है।
2. आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए २० मिलीलीटर गिलोय के जूस में पीपली चूर्ण मिलाकर प्रति दिन २ बार सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है। यदि आप इसे सही मात्रा में नहीं लेंगे तो यह आपको परेशानी और नुकसान भी दे सकता है।
3. गिलोय के सेवन से पेट की बीमारियां ठीक होजाती है। १० मिलीलीटर गिलोय के जूस में गुड़ का डेला मिलाएं और इसका सेवन करें । इस नुस्खे से आपकी कब्ज़ बिलकुल ठीक हो जाएगी। यदि पाचन क्रिया में कोई परेशानी आ रही है तो गिलोय के काढ़े में सौंठ, अतीस और मोथा मिलकर सेवन करे।
4. गिलोय के रस पीने से आप अनेक बिमारियों से बच सकते है। गिलोय कान की बिमारिओं से बचाता है। कान में प्रतिदिन सुबह शाम यदि २ बूँद गिलोय के तने के रस को डाला जाये तो यह कान की सुनने की शक्ति को बढ़ाता है। यह कान के मैल को निकालने में भी मदद करता है।
5. गिलोय से गठिया का इलाज किया जा सकता है। यदि सही मात्रा में गिलोय का सेवन किया जाये तो गठिये को बिलकुल ठीक किया जा सकता है।
6. गिलोय से टीबी जैसे रोग का इलाज भी किया जाता है। वैद्य अपनी औषधि में गिलोय का इस्तेमाल कर टीबी का इलाज करते हैं। यदि सही तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाये तो गिलोय का काफी फायदा होता है। और यदि गिलोय को सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाये तो वह हानिकारक भी हो सकता है।
7. गिलोय डायबिटीज को कण्ट्रोल करने के लिए बहुत फायदेमंद है। गिलोय को अंजन, खस, पठानी लोध्र, आंवला के साथ नीम की छाल को पीस कर सुखाये। इसका चूरन बनाकर सेवन करे। २० मिलीलीटर शहद मिलाकर दिन में दो बार गिलोय ले।
गिलोय लेते समय किन बातों का ध्यान रखें
गिलोय का सेवन करने से पहले इन बातों का ख़ासा ध्यान रखें –
- गिलोय सेवन विधि के अनुसार ही लें । यदि गिलोय को सही विधि से नहीं लिया गया तो वह नुकसान भी दे सकता है। गिलोय रस पीने का तरीका हमेशा सही होना चाहिए |
- गिलोय की तासीर गरम होती है जिस कारण इसे सर्दी में ज़ुखाम और बुखार के लिए लाभदायक माना जाता है।अगर विधि सही न हो तो गिलोय रस पीने के नुकसान भी हो सकते हैं।
- गिलोय की पहचान करना बहुत ज़रूरी है। गिलोय जैसी कई बेल पाई जाती हैं परन्तु सही बेल को चुनना बहुत ज़रूरी है।
कन्क्लूज़न
गिलोय अनेक बीमारियों के लिए लाभदायक है परन्तु उसके सेवन और विधि को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है। गिलोय की मदद से इन्हे ठीक किया जा सकता है। परन्तु सेवन ठीक से न किया जाये तो नुकसान दे सकता है। गिलोय की बेल ही नहीं बल्कि गिलोय के पत्ते के फायदे भी हैं ।