

सिफलिस एक यौन संचारित संक्रमण है, जो व्यक्ति के साथ योनी, गुदा या मुख मैथुन करते समय संक्रमण के कारण फैलता है। आज के बदलते हुए दौर में कई सारी बीमारियों से हम सब घिरे हुए हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक हैं सिफलिस। इस लेख में हम सिफलिस क्या है इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
सिफलिस होने का कारण
सिफलिस होने के लक्षण अलग व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। अल्सर या फोड़ा होने पर शरीर में इसके बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं। यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध बनाने और पुरुषों का पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने के कारण फैलता है। सिफलिस का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के साथ संबंध रखने के कारण भी होता है।
सिफलिस के लक्षण
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि सिफलिस एक यौन संचारित संक्रमण है। इस बीमारी का इलाज दवा से किया जा सकता है। सिफलिस ट्रेपोनेमा पैडिलम नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी औरतों में योनि में होता है। वहीं बात करें पुरुषों की तो इसका संक्रमण गुदा के आसपास या शरीर के दूसरे हिस्से में देखने को मिल सकता है।
यह बैक्टीरिया आपके गुदा, योनि, लिंग या चोटिल त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। धीरे धीरे यह बैक्टीरिया आपके पूरे शरीर में फैलता रहता है, जो अंत में कुछ अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बीमारी के लक्षण चार चरणों में देखने को मिलते है।
पहला चरण प्राथमिक सिफलिस
इस चरण में बिना दर्द के घाव के साथ सिफलिस के लक्षण शुरू होता है, जो जननांगों में तो कभी-कभी मुंह में होते हैं। यदि किसी के साथ शारीरिक संपर्क के दौरान आप उसके घाव के संपर्क में आते हैं तो, वह व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
इस चरण में लक्षण की बात करें तो संक्रमण के 10 से 90 दिन के बाद सिफलिस के लक्षण आपको देखने को मिल सकते हैं। जिससे आपके मुंह, लिंग, गुदा, योनि, गर्भाशय, ग्रीवा में दर्द रहित घाव हो सकता है। वहीं 2 से 6 सप्ताह के बाद यह घाव खुद ब खुद ठीक भी हो जाता है।
दूसरा चरण सेकेंडरी सिफलिस
इस चरण में गले में खराश के साथ त्वचा पर चकत्ते देखने को मिल सकते हैं। यह लक्षण कुछ हफ्तों में खत्म भी हो सकते हैं। इसके बाद आप बिना किसी लक्षण के इसका अनुभव होता है, जो कई साल तक रह सकता है।
इस चरण में 7 से 10 सप्ताह के बाद पैरों के तलवों, छाती और पीठ पर लाल दाने देखने को मिलने सकते हैं। वहीं आपको बुखार, बालों का झड़ना, सिर दर्द, थकान, कमर की बड़ी हुई ग्रंथियां आदि लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
तीसरा चरण लेटेंट सिफ़लिस
अगर पहले दो चरणों में उपचार न लिया जाएं तो बीमारी लेटेन्ट या छुपी अवस्था के चरण में चली जाती है। इस चरण में आमतौर पर लक्षण नहीं होते हैं पर इसमें संक्रमण हृदय, नसों, हड्डियों, और अंगों को क्षति पहुँचा सकता है। इस चरण की अवधि 20 साल तक हो सकती है।
चौथा चरण टरशरी सिफलिस
सिफलिस के लक्षण में यह सबसे खतरनाक स्तर माना जाता है। जिन लोगों में सिफलिस का इलाज नहीं किया जाता है। उनमें टरशरी सिफलिस का विकास हो सकता है। ऐसे स्तर पर यह बेहद गंभीर नुकसान दे सकता है। इसलिए इसके इलाज में बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए।
इस चरण के लक्षण में बैक्टीरिया आपके शरीर के लगभग सभी हिस्सों हृदय, मस्तिष्क, रीड की हड्डी, चलने-फिरने संबंधी बीमारी और मांसपेशियों की समस्याएं, आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह लक्षण संक्रमण के कई वर्षों बाद देखने को मिलते हैं।
सिफलिस का रोकथाम
सिफलिस के रोकथाम के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, इस बीमारी में परामर्श, पहचान और उपचार से इसके बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। जिसके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं।
ब्लड टेस्ट करके शरीर में संक्रमण से लड़ने वाले एंटीबॉडी का पता लगाया जा सकता है।
- इस बीमारी को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका सुरक्षित यौन संबंध बनाना है।
- सेक्स टॉय किसी के साथ शेयर करने से बचें।
कंडोम का इस्तेमाल सिफलिस के होने के खतरे को कम करता है, लेकिन यह इसे पूरी तरह रोक नहीं सकता। - यदि आप इंजेक्शन का इस्तेमाल कर दवाई लेते हैं तो, किसी अन्य की सुई का इस्तेमाल न करें।
- ओरल सेक्स करते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप डेंटल डैम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- वहीं यदि आपका साथी अस्वस्थ है तो, उसके साथ यौन गतिविधियों से बचकर रहे।
- सिफलिस के रोकथाम का सबसे आसान तरीका है कि लगातार एस टी आई की जांच कराते रहें।
- यौन संबंध बनाते समय हमेशा चिकनाई वाले कंडोम का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
सिफलिस के रोकथाम के लिए एंटीबायोटिक दवा बाजार में उपलब्ध है। यदि इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो अनुपचारित सिफलिस के कारण स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं पनप सकती हैं, जिसमें मस्तिष्क, आंखों का अंधापन, नर्वस सिस्टम को नुकसान आदि प्रमुख रूप से शामिल है। उपरोक्त लेख में हमने सिफलिस क्या है, सिफलिस के लक्षण और सिफलिस के रोकथाम तीनों विषयों पर विस्तार से चर्चा की है। अब यह आपके हाथों में है कि आप इन जानकारियों का उपयोग कैसे करते हैं और खुद को सिफलिस से कैसे बचाते हैं।