Chronic Conditions 1 MIN READ 4063 VIEWS October 16, 2022

हर्निया के लक्षण और उससे जुड़ी कई बातें

Written By HealthKart
Medically Reviewed By Dr. Aarti Nehra

हर्निया के लक्षण

हर्निया क्या है? क्यों होता है ये? तो चलिए आज बात करते हैं हर्निया की। असल में हर्निया एक बहुत ही आम समस्या है। हर्निया किसी को भी हो सकता है वो चाहे स्त्री हो या पुरुष। जब किसी के पेट की मसलस कमजोर हो जाती हैं या पेट में कोई समस्या पैदा हो जाती है तब हर्निया हो सकता है। हर्निया में पेट के अंदर से आंतें बाहर आने लगती हैं। कई बार हर्निया में खड़े होने या खांसते समय में दर्द या खिचाव महसूस होता है और जब आप लेट जाते हैं तो आराम मिलता है। आज हम आपको बताएंगे कि हर्निया आखिर होता क्या है और ये क्यों होता है, कितने तरह का होता है, हर्निया के लक्षण क्या हैं और ये क्योरेबल है या नहीं, आज इन सभी सवालों के जवाब आपको मिल जायेंगे। 

क्यों होता है हर्निया ?

हर्निया तब होता है जब कोई ऑर्गन, मांसपेशियों की दीवार जो इस ऑर्गन को घेरे रखती है , से बाहर निकलने लगता है। कभी-कभी आप हर्निया को उसके स्थान और आकार के आधार पर देख और पहचान सकते हैं। अगर आपको हर्निया है तो कुछ गतिविधियाँ आपको परेशानी में डाल सकती हैं। ऐसे में आपको झुकना नहीं चाहिए और भारी चीज़ों को नहीं उठाना चाहिए। पेट में हर्निया होना सबसे आम बात है लेकिन यह जाँघ के ऊपरी हिस्से, बीच पेट में और ग्रोइन एरिया में भी हो सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते हैं पर कभी कभी तेज़ी से दर्द होना हर्निया में काफी सामान्य होता है और इसी से पहचाना जाता है कि ये हर्निया की समस्या हो सकती है। 

आमतौर पर हर्निया में जान का जोखिम नहीं होता है लेकिन फिर भी इसको गंभीरता से लेना चाहिए। कभी-कभी हर्निया से होने वाली समस्याओं को रोकने या खत्म करने के लिए सर्जरी भी करानी पड़ सकती है। 

हर्निया होने के कारण 

अगर आपकी मसल्स कमज़ोर हो रही हैं और आप तनाव में रहते हैं तो आपको हर्निया का खतरा हो सकता है। हर्निया मांसपेशियों की कमजोरी और खिंचाव के कॉम्बिनेशन के कारण होता है। इन्हीं से हर्निया के शुरुआती लक्षणों का पता चलता है। मांसपेशियों में कमजोरी या खिंचाव के कुछ सामान्य कारण जो हर्निया का कारण बन सकते हैं, उनमें शामिल हैं। 

  • फिटस  में एब्डोमेन की वॉल ठीक से बंद ना होना (हालाँकि ये एक पैदाइशी दोष है)
  • आयु का अधिक होना 
  • पुरानी खांसी होना 
  • चोट या सर्जरी से नुकसान के कारण 
  • गर्भवती होने से पेट पर दबाव पड़ना 
  • कॉन्स्टिपेशन होना 
  • भारी वजन उठाने के कारण 
  • पेट में फ्री फ्लूइड के कारण 
  • सर्जरी के कारण
  • जोर से खांसी या छींकने के कारण
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस
  • प्रोस्टेट बढ़ने से 
  • पेशाब ठीक से ना होने के कारण 
  • पेरिटोनियल डायलिसिस
  • खराब नुट्रिशन से 
  • धूम्रपान से, कनेक्टिव टिशूज़ के कमजोर होने की वजह से होता है
  • थकान के कारण   
  • जन्मजात स्थिति, जो गर्भ में विकास के दौरान होती है और जन्म से मौजूद होती है 
  • ज़्यादा व्यायाम करने से 
  • अधिक वजन होना या मोटापा होना  
  • समय से पहले जन्म लेना या जन्म के समय कम वजन होना  
  • हर्निया का एक व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास   

हर्निया के प्रकार 

हर्निया कई प्रकार के होते हैं। हर्निया स्त्री और पुरुष दोनों में ही अलग अलग प्रकार का होता है। आइये जानते हैं कि हर्निया कितने प्रकार के होते हैं। आज यहाँ हम आपको कुछ सामान्य हर्निया के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 

1. इंग्वाइनल हर्निया 

इंग्वाइनल हर्निया सबसे आम प्रकार का हर्निया है। हर्निया की सभी स्थितियों में इस प्रकार का हर्निया सबसे अधिक पाया जाता है। इस हर्निया में आंत पेट में किसी कमजोर जगह या पेट की निचली कमज़ोर दीवार को फाड़कर बाहर निकल आती है। ये हर्निया अक्सर इंग्वाइनल केनाल में पाया जाता है। इंग्वाइनल केनाल, ग्रोइन में होती है। ये हर्निया महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। महिलाओं में इंग्वाइनल कैनाल में एक लिगामेंट होता है जिसे गोल लिगामेंट कहते हैं। ये गर्भाशय को सही जगह रखने में मदद करता है। 

2. हाइटल हर्निया 

हाइटल  हर्निया तब होता है जब आपके पेट का हिस्सा डायाफ्राम के माध्यम से आपकी चेस्ट कैविटी में पहुच जाता है। डायाफ्राम एक बड़ी मसल है जो आपके पेट और छाती के बीच स्थित होती है। आप इस मांसपेशी का उपयोग सांस लेने में मदद के लिए करते हैं। हाइटल हर्निया लगभग हमेशा गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग का कारण बनता है। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग में पेट का कंटेंट एसोफैगस में लीक हो जाता है जिससे जलन पैदा होती है। आम तौर पर आपका पेट डायाफ्राम के नीचे होता है लेकिन जिन्हें हाइटल हर्निया है उनको पेट का एक हिस्सा मांसपेशियों के माध्यम से ऊपर की ओर धकेला जाता है। शुरुआत में जैसे ये मूव करता है उस  जगह को  हाइट्स कहा जाता है।

3. अम्बिलिकल हर्निया 

अम्बिलिकल हर्निया बच्चों और शिशुओं को ज़्यादा प्रभावित कर सकता है। आप अपने बच्चे के बेली बटन या उसके पास एक उभार देख सकते हैं, खासकर जब वह रो रहा हो। अम्बिलिकल हर्निया ही एकमात्र ऐसा है जो अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है क्योंकि धीरे-धीरे पेट की दीवार की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब बच्चा 1 या 2 साल का हो जाता है। अगर ये हर्निया 5 साल की उम्र तक दूर नहीं हुआ है तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। एडल्ट्स में भी अम्बिलिकल हर्निया मोटापे, पेट में लिक्विड सब्सटांस या प्रेग्नेंसी जैसी स्थितियों के कारण पेट में बार-बार तनाव से हो सकते हैं। 

4. फीमोरल हर्निया 

फीमोरल हर्निया बहुत कम देखा जाता है। हालाँकि ये पुरुषों की अपेक्षा में महिलाओं को ज़्यादा प्रभावित करता है। इस तरह का हर्निया बहुत रेयर होता है। कभी यह जाँघों या ग्रोइन के अंदरूनी या ऊपरी हिस्से में दिखाई देता है। आराम से लेटने पर यह सामान्य हो जाता है मगर जब खांसी आती है या किसी तरह का दर्द होता है तो ये दोबारा परेशान कर सकता है। 

5. वेंट्रल हर्निया

वेंट्रल हर्निया तब होता है जब टिशूज़ पेट की मसल्स में उभरते हैं। जब आप लेटते हैं तो इस हर्निया का आकार कम हो जाता है। वेंट्रल हर्निया आमतौर पर जीवन में कभी भी हो सकता है। वेंट्रल हर्निया होने के कारण मोटापा या गर्भावस्था इत्यादि हो सकते हैं। अगर किसी की पेट की सर्जरी हुई है तो उसके बाद इस तरह का हर्निया हो सकता है। इसमें आंतें सर्जरी के निशान या कमजोर टिशूज़ के माध्यम से बाहर निकल आती हैं। 

हर्निया के लक्षण 

हर्निया की पहचान ज़रूरी है। हर्निया के लक्षण को भी जानना चाहिए। इसका सबसे आम लक्षण है जो भी प्रभावित क्षेत्र है वहां एक उभार या गांठ बन जाती है। किसी को अगर इंग्वाइनल हर्निया हो तो आप उसकी जांघ की हड्डी के दोनों तरफ एक गांठ देख सकते हैं। 

अक्सर ये गांठ दर्द रहित होती है। देखने में इसमें कोई समस्या नहीं लगती और उसे फ़ौरन डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत भी नहीं महसूस होती। लेकिन हर्निया कभी कभी बहुत बेचैनी और दर्द का कारण बन जाता है। ऐसे में खड़े होने या भारी चीज़ उठाने में अक्सर दर्द तेज़ हो सकता है। इसमें ऐसा भी होता है कि जब आप लेटते हैं तो गांठ गायब हो जाती है। लेकिन जब आप खड़े होते हैं, कोई काम करते हैं, झुकते हैं, या खांसते हैं तो आपको दर्द होता है। आपको अगर कभी भी किसी तरह की गांठ या उभार दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई बार हर्निया के लक्षण समझ में नहीं आते। इसीलिए कई दफा समय पर पता ही नहीं चलता कि आपको हर्निया है।  

कभी कभी हर्निया में तुरंत सर्जरी की ज़रूरत होती है। वैसे कुछ लक्षणों से आप हर्निया की पहचान आसानी से कर सकते हैं। इसमें दर्द होना, जी मिचलाना या उलटी होना, उभार का बढ़ जाना और उसका वापिस पेट में ना जाना इत्यादि हर्निया के लक्षण हो सकते हैं। हालाँकि हर्निया का इलाज संभव है, इसलिए इसमें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। बस आपको समय पर डॉक्टर से संपर्क करना है।   

कन्क्लूज़न 

हर्निया से घबराइए नहीं। तमाम तरह की बीमारियों के बीच ये भी एक बीमारी है, मगर ये जानलेवा नहीं है। हर्निया का प्रभावी ढंग से इलाज हो सकता है और इसके इलाज करने का एकमात्र तरीका है, सर्जरी। आपको सर्जरी की आवश्यकता है या नहीं यह तो डॉक्टर बताएगा और वो भी आपके हर्निया के आकार और उसके लक्षणों की गंभीरता को देख कर। हो सकता है आपका डॉक्टर संभावित गंभीरता के कारण आपके हर्निया का ऑपेरशन कुछ दिनों ना कर सके। इस अप्रोच को सतर्कता या प्रतीक्षा भी कहा जा सकता है। 

हालाँकि आप हमेशा मांसपेशियों की कमजोरी को रोक नहीं सकते हैं । हाँ आप अपना टेंशन कम कर सकते हैं। इससे आप हर्निया से बच सकते हैं या मौजूदा हर्निया को और भी ज़्यादा खराब होने से बचा सकते हैं। इसके लिए रोकथाम करना होगी और आप को करना ये चाहिए कि धूम्रपान न करें, लगातार खांसी होने या बीमार होने पर अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाएँ, एक स्वस्थ शरीर के लिए अपने वजन को सही रखें, बोवेल मूवमेंट या पेशाब के दौरान तनाव और बहुत भारी वजन उठाने से हमेशा बचें। यही आप से बताना था। स्वस्थ रहिये और अपना ख्याल रखिये।   

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