

जीवन ऊर्जा से बना होता है जो निरंतर बहता रहता है। जब इसके प्रवाह में किसी तरह की कोई रुकावट आती है तो यह दर्द, पीड़ा और मानसिक स्वास्थ्य के रूप में प्रकट होता है। यह एक्यूप्रेशर उपचार का आधार होता है। जब सही एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ढूंढ कर उनका उपयोग करना सीख जाते हैं तो यह दर्द से राहत , तनाव कम और अंतहीन स्वास्थ्य लाभों का आनंद लेने के लिए एक अमूल्य उपकरण के जैसा होता हैं।
एक्यूप्रेशर क्या है और यह कैसे काम करता है?
एक्यूप्रेशर एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा होती है जिसकी जड़ें पारंपरिक चीनी चिकित्सा में पाई जाती हैं। यह कहना सही होगा कि एक्यूप्रेशर उपचार मालिश चिकित्सा के समान ही होता है जहां शरीर के विशिष्ट पॉइंट्स पर दृढ़ दबाव लगाया जाता हैं। यह पूरी तरह से नॉन -इनवेसिव होता है, जो अपने दम पर ही आजमाने के लिए सुरक्षित होता है।
एक्यूप्रेशर ‘क्यूई’ (ची के रूप में उच्चारित) की अवधारणा पर आधारित होता है जो जीवन ऊर्जा के लिए एक चीनी शब्द होता है। जब यह ऊर्जा शरीर में सुचारू रूप से प्रवाहित होती है, तो यह स्वस्थ होती है। लेकिन जब दैनिक गतिविधियों और जीवन शैली के विकल्प क्यूई को अवरुद्ध करते हैं तो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। यह प्राचीन ज्ञान 600 ईसा पूर्व का है जो आज स्वस्थ रहने के लिए प्राकृतिक तरीके से इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपचार विकल्प है।
इसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने वाले सही एक्यूप्रेशर पॉइंट का पता लगाया जाता है।क्यूई को छोड़ने और शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने के लिए पॉइंट् पर दृढ़ दबाव लगाया जाता है। शोधकर्ताओं का यह मानना है कि एक्यूप्रेशर मालिश से एंडोर्फिन को मुक्त करने में मदद मिलती है जो दर्द को कम करके तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाती है।
क्यूई बारह चैनलों या मध्याह्न रेखा से होकर बहती है जो विशिष्ट पॉइंट्स से जुड़ी हुई होती हैं। एक्यूप्रेशर पॉइंट इन मध्याह्न रेखाओं पर ही स्थित होते हैं। जब इन पॉइंट्स पर सटीक दबाव डाला जाता है तो यह ऊर्जा के प्रवाह के लिए द्वार खोलने के समान होता है।
ऐसे एक्यूप्रेशर पॉइंट्स जिनके बारे में आप सभी को पता होना चाहिए
मानव शरीर में 650 एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं। इन सभी को जानने के लिए एक विशेषज्ञ बनना पड़ता है। हालांकि एक्यूप्रेशर थेरेपी के कुछ लाभ ऐसे भी होते हो जिनका आनंद हर कोई ले सकता है।
1. सिर के ऊपर
इस दबाव पॉइंट्स को डू 20 के रूप में जाना जाता है एक्यूप्रेशर उपचार में यह पॉइंट्स चिंता और तनाव को कम करने के लिए आदर्श माने जाते है। ऐसा कहा जाता है कि इससे तुरंत लाभ होता है।
इसे कैसे खोजें:
● अपनी तर्जनी उंगली को दोनों ओर कान के ऊपर रखें।
● अब, कान से लेकर अपने सिर के शीर्ष के मध्य तक एक रेखा खींचें।
● जब आपकी उंगलियां मिलें, तो उंगलियों को छोड़कर अपनी अच्छी मालिश करें।
2. अपने पैर की उंगलियों के बीच
जो लोग माइग्रेन से पीड़ित होते हैं, उनके लिए यह सबसे उपयोगी दबाव पॉइंट्स में से एक होता है। एक्यूप्रेशर थेरेपी में इसे लिवर 3 एक्यूपॉइंट भी कहा जाता है।
इसे कैसे खोजें:
● बड़े पैर के अंगूठे व दूसरे पैर के अंगूठे की हड्डियों का पता लगाएं।
● अपने पैर के शीर्ष पर वह पॉइंट्स खोजें जहां दोनों मिलते हैं।
● जब आपको लगे कि माइग्रेन आ रहा है तो उस पॉइंट्स पर मालिश करें, इससे तुरंत राहत मिलती है।
3. घुटने के नीचे
घुटने के नीचे स्थित एस टी 36 सबसे उपयोगी एक्यूप्रेशर पॉइंट में से एक होता है क्योंकि यह आपको ऊर्जावान रखता है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इस क्षेत्र में एक्यूप्रेशर मसाजर का उपयोग करने से दर्द से राहत मिलती है।
इसे कैसे खोजें:
● अपने घुटने की टोपी के बाहरी किनारे से, चार अंगुल की चौड़ाई के बराबर दूरी नापें।
● हर दिन कुछ मिनट के लिए या जब आप थकान महसूस कर रहे हों तब इस पॉइंट्स पर अच्छी मात्रा में दबाव डेल जिससे आप अच्छा महसूस करते है।
4. आंखों के बीच
एक्यूप्रेशर थेरेपी में तीसरी आंख या यिन टैंग सबसे प्रसिद्ध दबाव पॉइंट्सओं में से एक होता है। जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो हम सभी इसका इस्तेमाल करते हैं। इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह वास्तव में बहुत प्रभावी होता है।
इसे कैसे खोजें:
● अपने अंगूठे को नाक के ब्रिज के क्षेत्र पर रखें जो एक तरफ से आंख के भीतरी कोने से सटा हुआ होता है।
● तर्जनी अंगुली को दूसरी ओर से उसी स्थान पर रखें।
● अब, अपनी उंगलियों को इस तरह दबाएं कि आप अपनी नाक के ब्रिज को जितना हो सके उतने दबाव से दबा रहे हों।
5. कलाई
इसे एक्यूप्रेशर मालिश में पेरिकार्डियम 6 के रूप में जाना जाता है, यह उल्टी या खराब पेट को कम करने का सबसे अच्छा पॉइंट्स होता है।
इसे कैसे खोजें:
● चार अंगुलियों को अपनी हथेली के आधार पर छोटी उंगली से शुरू करते हुए अपनी भीतरी कलाई पर रखें।
● दृश्य पट्टिका के बीच, मध्य उंगली के ठीक नीचे का पॉइंट्स पेरिकार्डियम 6 होता है।
6. बाहरी कान
यह एक प्रसिद्ध प्रेशर पॉइंट होता है जिसे ईयर शेन मेन के नाम से भी जाना जाता है। यह आपकी मनोदशा को नियंत्रित करके तनाव को प्रभावी ढंग से कम करता है। आमतौर जब रोगी तनाव से ग्रस्त होता है तब क्लिनिक में ड्रग डिटॉक्स के लिए इसका उपयोग किया जाता हैं
इसे कैसे खोजा जाए
● यह दबाव पॉइंट् कान के बहार ऊपर की ओर स्थित होता है।
● इस दबाव पॉइंट्स की मालिश करते समय पौधे के बीज या कान के बीज का उपयोग करना अधिक प्रभावी होता है क्योंकि यह सटीक दबाव बनाने में मदद करता है।
● जर्मेनियम जैसी तनाव दूर करने वाली जड़ी-बूटी के बीज का प्रयोग करें।
7. बेली बटन के पास
इस दबाव पॉइंट्स को एक्यूप्रेशर थेरेपी में एस टी 25 कहा जाता है। जब आपको मल त्याग में परेशानी होती है तो यह बहुत फायदेमंद होता है। यह दस्त और कब्ज दोनों को प्रबंधित करने में मदद करता है।
इसे कैसे खोजें:
● यह दबाव पॉइंट्स नाभि से लगभग दो इंच की दूरी पर स्थित होता है।
● यह नाभि के दोनों ओर मौजूद होता है।
● जब आप को किसी भी तरह की अपच होती है तो इस क्षेत्र की मालिश करने से राहत मिलती है।
8. पैर के नीचे
यह शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में से एक होता है जिसका शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है। यह नींद को प्रेरित करने में मदद करता है और आपकी ऊर्जा के स्तर को तुरंत बढ़ा देता है। इसलिए इसे बबलिंग स्प्रिंग प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है।
इसे कैसे खोजें:
● अपने पैर की उंगलियों को मोड़ें।
● आप देखेंगे कि आपके पैर के तलवे पर एक खांच दिखाई देती है।
● यह दबाव पॉइंट्स का सटीक स्थान होता है।
9. घुटने के पीछे
डेस्क पर लंबे समय तक काम करने और गतिहीन जीवन शैली के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहना काफी आम हो गया है। यह एक्यूप्रेशर थेरेपी में यूबी 40 के रूप में जाना जाता है यह दबाव पॉइंट्स पीठ के निचले हिस्से में दर्द और जकड़न से राहत दिलाने में मदद करता है।
इसे कैसे खोजें:
● यह घुटने की टोपी के केंद्र के ठीक पीछे स्थित क्षेत्र है।
कितना दबाव डालना चाहिए?
शरीर में महत्वपूर्ण एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को जानकर यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जिससे इनका सही तरीके से उपयोग किया जाए।
दबाव डालते समय यह सुनिश्चित करें कि यह त्वचा की सतह पर 90 डिग्री के कोण पर ही हो। आपकी त्वचा तनी हुई, पिंच या खींची हुई नहीं होनी चाहिए। दबाव डालते समय लंबी और गहरी सांसें लेना चाहिए। जब तकआपको हल्का दर्द महसूस न हो तब तक आपको पर्याप्त दबाव देना चाहिए। कुछ मिनट तक दबाव को बनाए रखें जब तक कि दर्द कम न हो जाए। फिर दबाव छोड़ें और कोमल स्पर्श के साथ इसे समाप्त करें। पॉइंट्स के आधार पर दबाव डालने के लिए दो अंगुलियों, चार अंगुलियों या पोर का उपयोग कर सकते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए बड़ी जगह पर जैसे पिंडली या घुटने की टोपी के पीछे एक्यूप्रेशर मसाजर का भी उपयोग कर सकते हैं।
पॉइंट् को कम से कम दो मिनट तक दबाकर रोकना चाहिए। ध्यान रखे कि आप एक ही एक्यूप्रेशर पॉइंट् पर 15 मिनट से अधिक समय तक काम नहीं करे।
जब आप एक्यूप्रेशर मालिश आजमाते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए:
● हर दिन अपनी बीमारी के लिए विशिष्ट पॉइंट्स को ही उत्तेजित करें। तनाव या माइग्रेन जैसी बीमारियों से राहत पाने के लिए आप दिन में कई बार इनका उपयोग कर सकते हैं।
● टाइट कपडे, बेल्ट या जूतों से बचना चाहिए क्योंकि ये परिसंचरण को प्रभावित करते हैं।
● कभी भी भोजन से पहले या जब आपका पेट भरा हुआ हो तो एक्यूप्रेशर का अभ्यास नही करना चाहिए। आपको अपने भोजन के बाद कम से कम एक घंटे का आराम देना चाहिए।
● ठंडी चाय या ठंडे पेय की तुलना में हर्बल चाय का एक गर्म कप आपको एक्यूप्रेशर सत्र के बाद अधिक आराम देने में मदद करता है।
कन्क्लूज़न
एक्यूप्रेशर बेहद सुरक्षित होता है और इसे स्वयं आजमाना भी आसान है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है कि प्रत्येक सत्र में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर बहुत देर तक काम नहीं करना चाहिए। इससे सिरदर्द और उल्टी जैसी समस्या भी हो सकती है। इसे सरल पॉइंट्स से शुरू करके फिर अपने तरीके से आगे काम करें।
यदि आप उच्च रक्तचाप जैसी समस्या से पीड़ित हैं और विकिरण चिकित्सा जैसे उपचार से गुजर रहे हैं या गर्भवती हैं तो एक्यूप्रेशर जैसी कोई वैकल्पिक चिकित्सा शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह ले।
यह कहा जाता है कि एक्यूप्रेशर थेरेपी काफी सुरक्षित होती है। यह नियमित रूप से इलाज करने का एक बढ़िया विकल्प होता है। यह आपके शरीर को भीतर से ठीक करने का एक तरीका होता है।