

योग एक बहुत ही प्राचीन क्रिया है जिसका लाभ शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिए होता है। इसमें बहुत से आसन शामिल हैं जो आपके शरीर के विभिन्न अंगों पर कार्य कर उनकी परिचालन दक्षता को बेहतर बनाते हैं। सभी योगासनों में से तितली आसान बहुत ही महत्वपूर्ण है। हालांकि यह आसन बहुत ही सरल है और इसको करने के अनेक फायदे भी हैं। तितली आसान को बद्धकोण आसन के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप भी अपने स्वास्थ्य सुधार में वृद्धि चाहते हैं तो आपको यह आसन अवश्य करना चाहिए। इस लेख में आज हम आपको तितली आसन के फायदे और नुकसान, इसको करने का तरीका, और सही अवधि के बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे।
तितली आसन के फायदे
जब आप धीरे धीरे यह आसन करने में सफल होंगे तो आपको इसके निम्नलिखित लाभ देखने को मिलेंगे:
जाँघों और कूल्हों की मज़बूती
जब आप समझ जायेंगे कि तितली आसन कितनी देर करना चाहिए और इसका निरंतर अभ्यास करेंगे तो आपके कूल्हों और जांघों कि मज़बूती बढ़ती है। अगर आप लम्बे अंतराल के लिए बैठने और चलने में दर्द महसूस करते हैं तो इसका प्रतिदिन अभ्यास अवश्य फायदेमंद होगा।
मासिक धर्म के दर्द से राहत
महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द कि समस्या काफी आम है। इस आसन से आपके शरीर में रक्त परिसंचरण सुधरता है और आपका मासिक चक्र सामान्य रहता है।
प्रजनन क्रिया में सुधार
आपके शरीर में प्रजनन क्रिया के लिए जो भी अंगों की भागीदारी होती है, तितली आसन उनमें रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। यह आसन पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से लाभ प्रदान करता है।
चिंता और तनाव से दूरी
योग क्रिया आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत बेहतर होती है। अगर आप इसका रोज़ अभ्यास करेंगे तो तनाव और चिंता कम होती है। इससे आपके मन को शांति मिलती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा संचालित होती है।
पुरुषों के लिए विशेष लाभ
वैसे तो तितली मुद्रा सभी के लिए समान्तर लाभकारी होती है लेकिन पुरुषों के लिए विशेष लाभ देती है। इस आसन से कूल्हों और ग्रोइन मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ, यह मानसिक तनाव भी कम करता है और पुरुषों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
तितली आसन के नुकसान
हर योगासन के अपने लाभ होते हैं, लेकिन कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं अन्यथा तितली आसन के नुकसान यह हो सकते हैं:
घुटनों की समस्या
जिन लोगों को घुटने में दर्द या और कोई समस्या है तो उन्हें तितली आसन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। जैसा कि यह आसन सबसे अधिक घुटनों पर प्रभाव डालता है, इससे यह समस्या और बढ़ सकती है।
मांसपेशियों में तनाव
अगर आपके शरीर में लचीलापन कम है तो शुरुआत में यह आसन करते समय आपकी मांसपेशियों में खिंचाव बनेगा। इसलिए आपको इसे संयम से करना चाहिए।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द
यदि तितली आसन को गलत तरीके से किया जाए, तो यह पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण बन सकता है। सही पॉश्चर और योग शिक्षक की सलाह के साथ ही इसे करना चाहिए।
तितली आसन कितनी देर करना चाहिए?
अगर आप योग अभी अभी शुरू कर रहें हैं तो तितली मुद्रा करने की अवधि आपकी क्षमता और लचीलेपन पर निर्भर करती है। शुरुआत में आप इसे 2-3 मिनट तक कर सकते हैं और धीरे धीरे इसे 10 से 15 मिनट तक बढ़ा सकते हैं। आप इस बात का ध्यान रखें कि आसन करते समय आपको आरामदायक लगना चाहिए किसी भी प्रकार की शारीरिक असुविधा नहीं होनी चाहिए। इससे आप तितली आसन के फायदे और नुकसान आराम से समझ पाएंगे।
तितली आसन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
तितली मुद्रा को आप खाली पेट करें और इसका फायदा लें। आप चाहे दिन में किसी भी समय यह आसन करें लेकिन खाना खाने के 4-5 घंटे बाद ही करना चाहिए। इस मुद्रा को करते समय गहरी सांस लें जिससे आपके मन और शरीर में संतुलन बना रहे। यदि आपको घुटनों, कूल्हों या पीठ में कोई गंभीर समस्या है, तो डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के बाद ही इस आसन को करें।
निष्कर्ष
अपने शरीर को प्रतिदिन क्रिया में लाने से स्फूर्ति आती है और सम्पूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रहता है। यह आसन दिखने और करने में सरल होता लेकिन सिर्फ तब ही अगर आप इसे रोज़ सावधानीपूर्वक करें। जाँघों और कूल्हों की मज़बूती के साथ यह आपको मानसिक तनाव से भी दूर रखता है। जितना यह आसन महिलाओं के लिए लाभकारी होता है उससे कहीं ज़्यादा पुरुष के लिए तितली मुद्रा लाभ होता है। इस आसन को एक नियमित अभ्यास के रूप में अपनाने से पहले तितली आसन के फायदे और नुकसान के बारे में जान लें। आप तितली आसन के लाभों का पूरा फायदा उठा सकते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ और संतुलित बना सकते हैं।